क्या जानिए क्या है हद-ए-इदराक से आगे बस ख़ाक है इस तेरी मिरी ख़ाक से आगे है शोर-ए-फ़ुग़ाँ ख़ामुशी-ए-मर्ग के पीछे इक तेज़ हवा है ख़स-ओ-ख़ाशाक से आगे हम देखते हैं आँख में सहमे हुए आँसू इक चुप है कहीं ख़ंदा-ए-बे-बाक से आगे इक रंग सा है रंग-ए-तमन्ना से मुमासिल इक अब्र सा है दीदा-ए-नम-नाक से आगे मैं अपने किसी ख़्वाब की मुँह-ज़ोर हवा में अक्सर ही निकल जाता हूँ अफ़्लाक से आगे क्या शोर करें गिर्या-ए-अश्शाक़ से बढ़ कर क्या ज़ोर करें पैरहन-ए-चाक से आगे