क्यों हो ख़ामोश माजरा क्या है कुछ बताओ तुम्हें हुआ क्या है ज़ख़्म हैं दाग़ और रुस्वाई तेरी चाहत का और सिला क्या है हम तो नक़्श-ए-क़दम पे चलते हैं क्या ख़बर है भला बुरा क्या है अश्क बहते हुए तो देखे हैं टूटे दिल की सुनी सदा क्या है कैसी हलचल है अब बहारों में तेरे दीवानों को हुआ क्या है दिल की बातों में आ गया 'नाज़ी' और बेचारे की ख़ता क्या है