लफ़्ज़ों से बड़ा है न मआ'नी से बड़ा है वो शख़्स तो बस तेज़ ज़बानी से बड़ा है छोटा जो समझते हैं मुझे लोग तो समझें किरदार मिरा मेरी कहानी से बड़ा है ठहरे हुए पानी में नहीं कोई बड़ाई पानी जो बड़ा है तो रवानी से बड़ा है है कौन यहाँ उस की जो तस्वीर बना दे मैं उस को ये समझूँगा कि मानी से बड़ा है मालूम कहाँ सब को भला दर्द की क़ीमत ये दर्द तो उस दुश्मन-ए-जानी से बड़ा है सहरा की बड़ाई है फ़क़त रेग-ए-रवाँ से दरिया को यही जानिए पानी से बड़ा है