लगता है हमेशा से इसी काम लगे हैं ये पेड़ मशक़्क़त पे सर-ए-आम लगे हैं दिन-रात मुनासिब नहीं महँगाई का रोना यूसुफ़ से बहुत सस्ते मिरे दाम लगे हैं उस सुब्ह के होने में अभी रात पड़ी है जिस सुब्ह की कोशिश में सर-ए-शाम लगे हैं फल-फूल दरख़्तों पे खिला करते हैं जैसे उस तरह मिरे रंज को आलाम लगे हैं इक बार मुझे फिर ये सफ़ाई नहीं देनी पहले भी कई बार ये इल्ज़ाम लगे हैं क्या तेशा-ए-फ़र्हाद है क्या दश्त-नवर्दी ये पुख़्ता इरादे तो सभी ख़ाम लगे हैं होंटों पे अभी तक हैं तिरे होंटों की मोहरें हम हैं कि हमेशा से तिरे नाम लगे हैं ये नामा-ए-आमाल ज़रा देर मुअख़्ख़र थक-हार के करने अभी आराम लगे हैं कम-ज़र्फ़ से 'मसऊद' भलाई की तवक़्क़ो कीकर के दरख़्तों पे कभी आम लगे हैं