लहद से मुँह छुपा कर रोएगी बीमार की हसरत वो हसरत उफ़ रे हसरत लज़्ज़त-ए-आज़ार की हसरत क़यामत है जुनून-ए-शौक़-ए-आफ़त-कार की हसरत सर-ए-शोरीदा को महशर में है दीवार की हसरत अभी है जल्वा-ए-यकता हिजाब-ए-लन-तरानी में कहाँ से आ गई है बीच में तकरार की हसरत किसी की जान निकलेगी किसी के काम निकलेंगे मिरे ग़म से है वाबस्ता मिरे ग़म-ख़्वार की हसरत मिरे गोश-ए-तमन्ना पर भी आख़िर रहम फ़रमाओ कि मैं हूँ और फ़रेब-ए-वादा-ए-दीदार की हसरत दिल-ए-नाकाम मिटते मिटते भी सौ रंग लाएगा अभी बाज़ार में है गर्मी-ए-बाज़ार की हसरत बदलना करवटों का क़ब्र में देखो कि लिपटी है कफ़न के साथ आग़ोश-ए-विसाल-ए-यार की हसरत सितम ऐ गरमी-ए-अंदेशा मिस्ल-ए-रूह घुलती है दिल-ए-ख़ूँ-गश्ता में ताब-ए-निगाह-ए-यार की हसरत हलाक-ए-शेवा-हा-ए-बेवफ़ाई हूँ समझता हूँ न निकली बुल-हवस की आरज़ू अग़्यार की हसरत न छेड़ ऐ ज़ौक़-ए-दर्द-ए-जांकनी ख़ामोश रहने दे खटक जाती है दिल में ताला-ए-बाज़ार की हसरत 'वफ़ा' इक दम की फ़ुर्सत और फिर ये कश्मकश है है ख़याल-ए-ख़्वाब है और दीदा-ए-बेदार की हसरत