लहजा ऐसा कि जैसे धुन है मियाँ By Ghazal << महसूस होती ही नहीं तेरी क... है धकेला पहले अपने से सित... >> लहजा ऐसा कि जैसे धुन है मियाँ बात करने का उस को गुन है मियाँ एक ही लफ़्ज़ काफ़ी होता है और दलील उस की लफ़्ज़-ए-कुन है मियाँ मैं ब-ज़ाहिर दिखूँगा अच्छा भला मगर अन्दर से जिस्म सुन्न है मियाँ कुछ भी अच्छा नहीं हुआ मिरे साथ ज़िंदगी सारी बद-शगुन है मियाँ Share on: