ले चुके दिल तो जंग क्या है अब आ मिलो फिर दरंग क्या है अब पी गए ख़ुम के ख़ुम न की मस्ती याँ शराब-ए-फ़रंग क्या है अब उस निगह का है दिल जराहत-कश ज़ख़्म-ए-तेग़-ओ-ख़दंग क्या है अब हूँ मैं दरिया-ए-इश्क़ का ग़व्वास ख़ौफ़-ए-काम-नहंग क्या है अब दीद ओ वा-दीद तो हुए बाहम शर्म ऐ शोख़ ओ संग क्या है अब दिल से वहशी के तईं शिकार क्या सैद-ए-शेर-ओ-पलंग क्या है अब थी जो रुस्वाई हो चुकी 'बेदार' पास-ए-नामूस-ओ-नंग क्या है अब