लो हम मरीज़-ए-इश्क़ के बीमार-दार हैं By Ghazal << सीना दहक रहा हो तो क्या च... इश्क़ क्या क्या आफ़तें ला... >> लो हम मरीज़-ए-इश्क़ के बीमार-दार हैं अच्छा अगर न हो तो मसीहा का क्या इलाज Share on: