महफ़िल में हम थे इस तरफ़ वो शोख़ चंचल उस तरफ़ थी सादा-लौही इस तरफ़ मक्र-ओ-फ़ुसूँ छल उस तरफ़ बैठे हम अपने ध्यान में बैठा वो अपनी आन में फ़िक्र-ए-नज़ारा इस तरफ़ मुखड़े पर आँचल उस तरफ़ क्या क्या दिखाती है अलम क्या क्या रखे है पेच-ओ-ख़म आहों की शोरिश इस तरफ़ ज़ुल्फ़-ए-मुसलसल उस तरफ़ हम दे के दिल हैं रंज-कश वो ले के दिल है जी में ख़ुश बे-ताबी-ए-जाँ इस तरफ़ राहत ख़ुशी कल उस तरफ़ आज उस से मिलने को 'नज़ीर' अहवाल है दिल का अजब हम खींचते हैं इस तरफ़ कहता है वो चल उस तरफ़