मैं हूँ तेरे लिए बेनाम-ओ-निशाँ आवारा ज़िंदगी मेरे लिए तू है कहाँ आवारा तुझ से कट कर कोई देखे तो कहाँ पहुँचा हूँ जैसे नद्दी में कोई संग-ए-रवाँ आवारा तुझ को देखा है कहीं तुझ को कहाँ देखा है वहम है सर-ब-गरेबाँ ओ गुमाँ आवारा दैर-ओ-काबा की रिवायात से इंकार नहीं आओ दो दिन तो फिरें नारा-ज़नाँ आवारा तेरे दामन की तरह दामन-ए-शब रख़्शंदा मेरे अश्कों की तरह कौन-ओ-मकाँ आवारा जलते-बुझते हैं हर इक गाम पे ताबिंदा नुजूम कोई है आज सर-ए-काहकशाँ आवारा भीगी रातों में 'ज़फ़र' फिरता है तन्हा तन्हा आह वो सोख़्ता-दिल सोख़्ता-जाँ आवारा