मैं नफ़रतों की वो हद करूँगी कुछ ऐसे तुम को मैं रद्द करूँगी भुला के रख दूँगी तुझ को दिल से दिवानगी की वो हद करूँगी तिरे सितम से ये तय किया है जुदाई तेरी सनद करूँगी मैं दफ़्न कर दूँगी तेरी यादें तुझे मैं यूँ मुस्तरद करूँगी दुआएँ माँगी थीं जो 'दुआ' में दुआएँ सारी वो रद्द करूँगी