मैं ने बिल्कुल नहीं चाहा कि कोई बात बढ़े उस ने जब हाथ बढ़ाया तो मिरे हाथ बढ़े यार ऐसे कभी इज़्ज़त नहीं मिलने वाली अपनी औक़ात में आ जाओ कि औक़ात बढ़े मुझे उस से तो कोई और नहीं था मतलब मैं ने चाहा था ज़रा मेल-मुलाक़ात बढ़े उस ने आगाह किया लौट के जाने से मुझे और फिर मेरी तरफ़ कितने ही सदमात बढ़े कुछ सितारों का गरेबाँ नहीं बचने वाला हाथ ये मेरा अगर सू-ए-समावात बढ़े