मैं ने कहा कि दिल में तो अरमान हैं बहुत उस ने कहा कि आप तो नादान हैं बहुत मैं ने कहा कि मुझ को है जन्नत की आरज़ू उस ने कहा कि वाक़िफ़-ए-ईमान हैं बहुत मैं ने कहा कि महका हुआ इक गुलाब हूँ उस ने कहा ज़मीं पे गुलिस्तान हैं बहुत मैं ने कहा कि मेरी पनाहों में आइए उस ने कहा कि मेरे निगहबान हैं बहुत मैं ने कहा कि एक मुरस्सा ग़ज़ल हूँ मैं उस ने कहा कि ऐसे तो दीवान हैं बहुत मैं ने कहा कि तर्क-ए-वफ़ा से हूँ शर्मसार उस ने कहा कि हम भी पशेमान हैं बहुत मैं ने कहा कि रक्खेगा 'मोहसिन' अदब की लाज उस ने कहा कि वैसे तो इम्कान हैं बहुत