मैं रहज़नों से नहीं रहबरों से डरता हूँ यही सबब है कि तन्हा सफ़र पे निकला हूँ हमारे बीच है आख़िर ये तफ़रक़े कैसा मिरी तरह हो तुम और मैं तुम्हारे जैसा हूँ मिरे ख़िलाफ़ मिरे दोस्तों की साज़िश है मैं जानता हूँ मगर देख कर भी अंधा हूँ मिरी रवानी है ज़ामिन मिरी तहारत की रुका तो काई जमेगी चला तो दरिया हूँ मैं अपनी रूह भला कैसे बेच दूँ आख़िर मिरा ज़मीर है ज़िंदा तो मैं भी ज़िंदा हूँ