मैं सहरा था जज़ीरा हो गया हूँ समुंदर देख तेरा हो गया हूँ ब-जुज़ इक नाम कहता हूँ न सुनता मैं ऐसा गूँगा बहरा हो गया हूँ तिरी आँखों ने धोया है मुझे यूँ मैं बिल्कुल साफ़-सुथरा हो गया हूँ तू सूरज है मैं आईने का टुकड़ा किरन छू कर सुनहरा हो गया हूँ मुझे रौशन किए है अक्स तेरा मैं तेरा शोख़ चेहरा हो गया हूँ बड़ी लज़्ज़त है तेरी क़ुर्बतों में तर-ओ-ताज़ा सवेरा हो गया हूँ