मैं तिरी नज़र का सुरूर हूँ तुझे याद हो कि न याद हो तिरे पास रह के भी दूर हूँ तुझे याद हो कि न याद हो मुझे आँख से तो गिरा दिया कहो दिल से भी क्या भुला दिया तरी आशिक़ी का ग़ुरूर हूँ तुझे याद हो कि न याद हो तिरी ज़ुल्फ़ है मिरा हाथ है कि तू आज भी मेरे साथ है तिरे दिल में मैं भी ज़रूर हूँ तुझे याद हो कि न याद हो