मस्त जोश-ए-शबाब हैं हम लोग आप अपना इ'ताब हैं हम लोग महफ़िल-ए-नाज़ हो कि दार-ओ-रसन हर तरफ़ कामयाब हैं हम लोग इक सरापा सवाल है दुनिया इक मुकम्मल जवाब हैं हम लोग हैं जहाँ में कहीं वफ़ा वाले जी हाँ आली-जनाब हैं हम लोग ख़ल्वत-ए-ख़ास हो कि जल्वत-ए-आम हर जगह बारयाब हैं हम लोग हम से है रौनक़-ए-ज़मीन-ओ-ज़माँ वैसे ख़ाना-ख़राब हैं हम लोग हम फ़ना हों तो औज पर आ कर या'नी मिस्ल-ए-हबाब हैं हम लोग सितम-ए-बे-पनाह है दुनिया करम-ए-बे-हिसाब हैं हम लोग