मत टकराना पत्थर बन कर आहन हम हो जाएँगे प्यार से आ कर तुम जो मिलोगे गुलशन हम हो जाएँगे राज़ छुपाना चाहो तो हम पर्दे का भी काम करें और हक़ीक़त चाहो तो फिर दर्पन हम हो जाएँगे हम को दुश्मन मत समझो हम प्यार सिखाते हैं सब को जिस में भरे हों फूल वफ़ा के दामन हम हो जाएँगे ख़ुशियों में रंगीन बहारों का तुम को पैग़ाम भी दें दुख के मौसम में आँखों का सावन हम हो जाएँगे ठुकराया तो काँटे बन कर राहों में बुझ सकते हैं अपनाया तो आप के घर का आँगन हम हो जाएँगे प्यार का जादू सब के सर पर चढ़ कर फिर तो बोलेगा तुम बनना कान्हा की मुरली मधुबन हम हो जाएँगे अपना दुख-सुख लम्हा लम्हा मिल-जुल कर बाँटेंगे 'राग' तुम बन जाना आँख के आँसू दामन हम हो जाएँगे