मेरा जो कुछ बयान है प्यारे दुख-भरी दास्तान है प्यारे मिस्ल-ए-तस्वीर तेरी ख़ामोशी तू भी क्या बे-ज़बान है प्यारे ठोकरों से मिटा न तुर्बत को ये हमारा निशान है प्यारे मैं तो तेरी अदा का बंदा हूँ मुझ से क्यों बद-गुमान है प्यारे शौक़ से आ ग़रीब-ख़ाने पर वो तो तेरा मकान है प्यारे तू न रो मुश्किलात-ए-'शब्बर’ पर उस का ये इम्तिहान है प्यारे