मेरी सारी कमाई लेने लगीं साँसें मुझ से विदाई लेने लगीं करवटों से अदा नहीं होती नींदें जो मुँह दिखाई लेने लगीं ख़्वाब का पैरहन उतारा तो नंगी आँखें जमाई लेने लगीं चाँद जैसे हो नींद की गोली रातें क्या क्या दवाई लेने लगीं मुझ को तूफ़ाँ में डूबना ही था कश्तियाँ क्यूँ बुराई लेने लगीं