मेरी तन्हाई के एजाज़ में शामिल है वही रक़्स में है दिल-ए-दीवाना कि महफ़िल है वही ये अलग बात न वो तमकनत-आरा है न मैं है चमन भी वही और शोर-ए-अनादिल है वही वही लैला-ए-सुख़न अब भी सरापा-ए-तिलिस्म मेरी जाँ अब भी वही है कि मिरा दिल है वही दश्त-ए-हैरत में वही मेरा जुनूँ महव-ए-ख़िराम आ के देखो कि यहाँ गर्मी-ए-महफ़िल है वही उस में जो डूब गया पार उतर जाएगा मौज-दर-मौज वो दरिया है तो साहिल है वही आज भी उस के मिरे बीच है दुनिया हाइल आज भी उस के मिरे बीच की मुश्किल है वही