मिला है तपता सहरा देखने को चले थे घर से दरिया देखने को चलो अपना ही मंज़र आप देखें कहाँ जाएँ तमाशा देखने को सर-ए-मक़्तल किसे लाया गया है चली आती है दुनिया देखने को फ़सुर्दा फूल उड़ते ज़र्द पत्ते चमन में रह गया क्या देखने को मिली है मुख़्तसर सी फ़ुर्सत-ए-दीद तमाशा-गाह-ए-दुनिया देखने को चराग़-ए-रहगुज़र जुगनू सितारा किरन कोई तो रस्ता देखने को फिरे हैं अंजुमन-दर-अंजुमन हम उसे जल्वा-ब-जल्वा देखने को