मोहब्बत करने वालों की इनायत भी ज़रूरी है जो है सच्ची मोहब्बत तो सदाक़त भी ज़रूरी है मुसलमाँ हो कि हिन्दू हो यहूदी हो कि ईसाई ख़ुदा के एक इक बंदे पे ताअ'त भी ज़रूरी है गुनह कोई अगर हो जाए तुम से जाने अनजाने बहाना अश्क तुम बेहद नदामत भी ज़रूरी है ख़ुदा का वास्ता ज़ालिम को दे कर पहले समझाओ जो न माने किसी से तो अदावत भी ज़रूरी है ज़माने भर के शोबों में सबक़ ईमान का देना अगर है सुर्ख़-रू होना सदाक़त भी ज़रूरी है निकल आओ ग़म-ए-ज़ब्त-ए-अलम से आज फिर 'यासीन' मज़ालिम ढाने वालों से बग़ावत भी ज़रूरी है