मोहब्बत की फ़रावानी मुबारक तुम्हें आँखों की तुग़्यानी मुबारक तुम्हारा चाँद पूरा हो गया है तुम्हें ठहरा हुआ पानी मुबारक उतर आया है दिल में नूर कोई तुम्हें चेहरे की ताबानी मुबारक किसी पर फिर यक़ीं करने लगे हो तुम्हें फिर से ये नादानी मुबारक तुम अपनी बात कहना जानते हो तुम्हें लफ़्ज़ों की आसानी मुबारक तुम्हें ये शोर-ओ-गुल नैरंग-ए-दुनिया हमें सहरा की वीरानी मुबारक कोई सूरत मुरत्तब हो रही है ख़यालों की परेशानी मुबारक