मोहब्बत से मुकर जाना ज़रूरी हो गया था पलट के अपने घर जाना ज़रूरी हो गया था नज़र-अंदाज़ करने की सज़ा देनी थी तुझ को तिरे दिल में उतर जाना ज़रूरी हो गया था मैं सन्नाटे के जंगल से बहुत तंग आ गई थी किसी आवाज़ पर जाना ज़रूरी हो गया था मैं सस्सी की तरह सोती रही और चल दिए तुम बता देते अगर जाना ज़रूरी हो गया था तआ'क़ुब ख़ुद न करती तो मिरे आँसू निकलते मैं क्या करती 'क़मर' जाना ज़रूरी हो गया था