मोमिन बने तो क़ौम का रहबर बना दिया अन-पढ़ गंवार को भी गवर्नर बना दिया जिस का भी इत्तिबा'-ए-नबी का मिज़ाज हो उस को ख़ुदा ने जैसे सिकंदर बना दिया एहसान मेरे रब का हुआ मुझ पे इस तरह मोमिन बना के मेरा मुक़द्दर बना दिया तारीख़ है गवाह जहालत के दौर में सब से बुरी जो क़ौम थी बेहतर बना दिया आया समझ में जब से कोई मक़्सद-ए-हयात शाहों ने इक चटाई को बिस्तर बना दिया