मुग़ालते में कहाँ रहोगे रहोगे कब तक सितम जो होगा तो तुम सहोगे सहोगे कब तक ये ऐसे समझो भँवर है कश्ती है और तुम हो यहाँ पे कैसे कहाँ बहोगे बहोगे कब तक यहाँ हर इक शय बदल गई है बिगड़ गई है ये टूटा दिल है यहाँ रहोगे रहोगे कब तक ये महफ़िलें हैं रिवायतों की सभी हैं तुर्रम तो बात अब तुम यहाँ कहोगे कहोगे कब तक