मुझ में मेरी ज़ात भी रक्खी हुई है दोस्त छोड़ ये बात तो और भी उलझी हुई है दोस्त हम लोगों को पानी अच्छा लगता है हम लोगों ने मिट्टी पहनी हुई है दोस्त कितना सज-धज कर महफ़िल में आया हूँ मेरी वहशत घर पर रक्खी हुई है दोस्त इस तस्वीर का लहजा देख रहा है तू ये तस्वीर भी मुझ से रूठी हुई दोस्त वो लड़की जो सब से ज़ियादा हँस रही है उस की आँखें देख वो रोई हुई है दोस्त जिस बक्से में तेरे सूट रखे हैं ना उस में मेरी जींस भी रक्खी हुई है दोस्त