मुझ से बेहतर तो मिल गया है तुम्हें और अल्लह से क्या गिला है तुम्हें हम इकट्ठे नहीं रहेंगे कभी मेरे बच्चों का तो पता है तुम्हें मैं तुम्हें देख भी नहीं सकता देखना भी तो मसअला है तुम्हें या'नी तुम इतनी ख़ूबसूरत हो छोटा बच्चा भी देखता है तुम्हें मैं तुम्हारा अगर बता भी दूँ लोग पूछेंगे और क्या है तुम्हें जो किसी को कभी नहीं होता कितनी आसानी से हुआ है तुम्हें