मुझे वफ़ा-दारियों की आदत कभी नहीं थी मेरे यहाँ ये ग़लत रिवायत कभी नहीं थी हमारे मतलब की चीज़ इक बे-बदन की शब थी हमें तुम्हारे बदन की हाजत कभी नहीं थी तुम्हारे होंटों सा कह दिया है किसी ने शायद वगर्ना फूलों में ये नज़ाकत कभी नहीं थी मैं इस से पहले भी वहशतों में रहा हूँ लेकिन जो आज है पहले ऐसी हालत कभी नहीं थी मिरे सभी मसअले फ़लक वाले देखते थे मुझे ज़मीं से कोई शिकायत कभी नहीं थी वो मुझ में अपना बिछड़ चुका इश्क़ पा गया था हाँ उस को मुझ से कोई मोहब्बत कभी नहीं थी तुम्हारे बंदों को देख कर ऐसा लग रहा है इन्हें ख़ुदा की कोई ज़रूरत कभी नहीं थी