मुझे याद आ रहा है कोई आंसुओं में ढल के कोई आ गया यहाँ भी मिरे साथ साथ चल के इक पल क़रार आता दो दिन की ज़िंदगी में बेचैनियाँ ही मिलतीं सूरत बदल बदल के हम मुफ़लिसों की झोली ख़ाली है दिल भरे हैं समझा के राहज़न को हम आए बच निकल के कुछ तो 'क़लील' तुम भी अपना ख़याल रखना मक़्तल में ढल गए हैं कुछ शहर आज-कल के