मुसलसल आँख में यूँ आना जाना आँसुओं का है मिरा चेहरा है और मेहमान-ख़ाना आँसुओं का है बहुत मुश्किल बयाँ है चश्म-ओ-दिल के ख़ून होने का बहुत आसान पलकों से गिराना आँसुओं का है पड़े रहते हैं उस की दीद के कुछ अक्स कोनों में वगर्ना आँख में सारा ठिकाना आँसुओं का है फ़क़त तज्दीद-ए-नौ की बात है हर अहद में वर्ना तुम्हारे हिज्र से रिश्ता पुराना आँसुओं का है बहुत आसाँ सही दामन पे गिरना चंद क़तरों का बहुत मुश्किल सर-ए-मिज़्गाँ उठाना आँसुओं का है ख़याल-ओ-ख़्वाब को 'अफ़रोज़' कोई आ के समझा दे बुलाना उस की यादों का बुलाना आँसुओं का है