मुतरिब-ए-दिल की वो तानें क्या हुईं वो तख़य्युल की उड़ानें क्या हुईं क्या हुए वो तिरछी नज़रों के ख़दंग अबरुओं की वो कमानें क्या हुईं वो अदाएँ जिन पे होती थीं निसार चाहने वालों की जानें क्या हुईं क्या हुए टूटे दिलों के ज़मज़मे बे-ज़बानों की ज़बानें क्या हुईं क्या हुए 'अख़्तर' उमीदों के हिसार वो अज़ाएम की चटानें क्या हुईं