न इक याक़ूब रोया इस अलम में By Ghazal << उस गली में जो हम को लाए क... उस बुत को नहीं है डर ख़ुद... >> न इक याक़ूब रोया इस अलम में कुआँ अंधा हुआ यूसुफ़ के ग़म में कहूँ कब तक दम आँखों में है मेरी नज़र आवे ही-गा अब कोई दम में दया आशिक़ ने जी तो ऐब क्या है यही 'मीर' इक हुनर होता है हम में Share on: