न मीनार महलों की शौकत बचेगी बचेगी तो बस इक मोहब्बत बचेगी ना ही हुक्मराँ की हुकूमत बचेगी मोहब्बत बचेगी मोहब्बत बचेगी चले जाओगे जब मुझे छोड़ कर तुम इबादत सिमट कर शिकायत बचेगी कुएँ में चलो कूद जाते हैं दोनों तभी इस ज़माने की राहत बचेगी घटा दें अगर इस जहाँ से सुख़नवर जहाँ में तो फिर सिर्फ़ नफ़रत बचेगी