न तो ख़ौफ़ रोज़-ए-जज़ा का हो वही इश्क़ है न मलाल रद्द-ए-दुआ का हो वही इश्क़ है मैं हूँ आईना तिरा अक्स है मेरी रूह में कोई दायरा न अना का हो वही इश्क़ है नहीं आरज़ू मिरी आरज़ू को सुने ख़ुदा असर आरज़ू में बला का हो वही इश्क़ है न हों ख़्वाहिशें न गिला कोई न जफ़ा कोई न सवाल अहद-ए-वफ़ा का हो वही इश्क़ है