न है लीडर न है मेम्बर न है रहबर अपना एक बच्चा भी तो करता नहीं फ़ेवर अपना सिर्फ़ सुसरा ही नहीं मूंछ मछन्दर अपना एक से एक है साला भी धुलनदर अपना नंगे भूके पड़े रहते हैं यहाँ बरसों से यूँ ही दिन-रात चला करता है लंगर अपना राज में आप के हम प्यासे मरा करते हैं नद्दी नाला है न दरिया न समुंदर अपना बस इसी डर से हमें नींद नहीं आती है कोई दुश्मन न करा दे कहीं मर्डर अपना वक़्त अब भी है ख़ुराफ़ात को छोड़ो वर्ना दुश्मन-ए-क़ौम बना देंगे कचूमर अपना एक भी बाल न रह पाएगा सर में सुन ले हाथ में ले के कहा उस ने स्लीपर अपना