नग़्मा-ज़न अंदलीब होता है By Ghazal << राह ख़ामोश राहबर ख़ामोश चंद लम्हों का ख़्वाब हो ज... >> नग़्मा-ज़न अंदलीब होता है दिल का आलम अजीब होता है ख़ार गुल के क़रीब होता है अपना अपना नसीब होता है कब किसी का हबीब होता है जो भी दिल का ग़रीब होता है बेवफ़ा बद-नसीब होता है आप अपना रक़ीब होता है ग़फ़ल-ओ-बे-हिसी के आलम में 'नाज़' दिल ही नक़ीब होता है Share on: