नमी आँखों की भी महसूस की तहरीर में शामिल कि काजल की दिखे है धार सी तनवीर में शामिल मुझे पाबंद कर लेती कहाँ ज़ंजीर में दम था तुम्हारी ज़ुल्फ़ की इक लट रही ज़ंजीर में शामिल इमारत में जो सतवत है हमारे दम-क़दम से है अज़ल से है ग़रीबों का लहू ता'मीर में शामिल अदू से कोई शिकवा है न ही कोई शिकायत है रज़ा महबूब की भी थी मिरी ता'ज़ीर में शामिल मुक़द्दर ने बनाया है तमाशा बे-नवाई का जिसे ख़्वाबों में रक्खा था नहीं ता'बीर में शामिल मुझे आसाँ नहीं था ज़ेर कर लेना जफ़ाओं से किसी लहजे की तल्ख़ी थी जफ़ा के तीर में शामिल सुना करते थे लहजे से पता इंसाँ का चलता है ग़ुरूर-ए-ज़र दिखाई दे गया तासीर में शामिल न-जाने कौन से लम्हे नसीबा मेरा फूटा था कभी था शहसवारों में अभी नख़चीर में शामिल गदा के सर पे जो है ताज वो है इंकिसारी का ये कुछ अशआ'र ही तो हैं जो हैं जागीर में शामिल हमारे दिल की धड़कन उन की धड़कन से मुज़य्यन है हमारा ग़म भी रहता है ग़म-ए-कश्मीर में शामिल शिकस्त ऐसे नहीं देते थे काफ़िर को मिरे आबा कोई जोश-ए-शहादत भी तो था शमशीर में शामिल मुबर्रा कैसे कर सकता हूँ अपने आप को लोगो यक़ीनन मेरे दिल की थी रज़ा तक़्सीर में शामिल 'रशीद' इरशाद की तामील में तो भेज देता हूँ जो दिल का हाल है कैसे करूँ तस्वीर में शामिल