नए चेहरे पुराने हो न जाएँ इन आँखों के ख़ज़ाने खो न जाएँ सजा तो ली है तुम ने मुस्कुराहट कहीं ये होंट ज़ख़्मी हो न जाएँ सफ़र में तुम हमारे साथ रहना कहीं हम रास्तों में खो न जाएँ तुम्हारी मुंतज़िर वो बूढ़ी आँखें लिपट कर आहटों से सो न जाएँ हमारी ख़ूब-सूरत क्यारियों में रुतों के हाथ काँटे बो न जाएँ