निराले रंग में फ़स्ल-ए-बहाराँ आई है यारो खिले हैं फूल भी इस बार लेकिन दिल नहीं लगता कभी इस से मोहब्बत की कभी उस से शिकायत की कई छेड़े हैं कारोबार लेकिन दिल नहीं लगता मिरे घर में है वीरानी वहाँ तन्हाई डसती है यहाँ बैठे हैं सारे यार लेकिन दिल नहीं लगता इधर बैठे हैं सारे यार लेकिन दिल नहीं आता तुम्हारी बज़्म है सरकार लेकिन दिल नहीं लगता कोई ये कह रहा था कल 'मुबश्शिर' शे'र कहता है सुने उस के भी कुछ अशआ'र लेकिन दिल नहीं लगता