नियाज़-ओ-नाज़ के झगड़ों से मावरा हूँ मैं न मुद्दई हूँ किसी का न मुद्दआ' हूँ मैं फ़ुग़ान-ए-बे-असर-ओ-आह-ए-ना-रसा हूँ मैं जहान-ए-इश्क़ की बिगड़ी हुई हवा हूँ मैं किसी से कर के वफ़ा नादिम-ए-वफ़ा हूँ मैं अब आप अपनी निगाहों से छुप रहा हूँ मैं ब-फ़ैज़-ए-अज़्म ब-ज़ौक़-ए-तलब ब-नाम-ए-ख़ुदा ख़ुद आप अपने सफ़ीने का नाख़ुदा हूँ मैं सवाल-ए-दीद तो मेरा ये एहतिरामन है किसी के वर्ना हिजाबों में ख़ुद छुपा हूँ मैं ये ज़ो'म-ए-नाज़ ये नाज़-ए-ख़ुदी मआ'ज़-अल्लाह तुम्हारा बस हो तो कहने लगो ख़ुदा हूँ मैं धड़कते दिल से यूँ तकता हूँ हर सितारे को कहा हो जैसे किसी ने कि आ रहा हूँ मैं फ़लक से कह दो कि रोके न गर्दिशें अपनी ब-ख़ैर हूँ ज़रा करवट बदल रहा हूँ मैं 'शिफ़ा' ये राज़-ए-मोहब्बत है कोई क्या जाने वो मुझ में छुप गए या उन में छुप गया हूँ मैं