पहले हम ख़ुद ही अगर हाथ बढ़ाने लग जाएँ हम को दुश्मन भी कलेजे से लगाने लग जाएँ एक पल में वो उतर आए नज़र से दिल में इस सफ़र के लिए औरों को ज़माने लग जाएँ तेरा दामन भी सितारों से मुनव्वर हो जाए मेरे आँसू भी सलीक़े से ठिकाने लग जाएँ इसी उम्मीद पे माँ बाप जिए जाते हैं बेटी इज़्ज़त से उठे बेटे कमाने लग जाएँ वो ख़िज़ाँ में भी जो आ जाए चमन में 'शैदा' ख़ुश्क पौदे भी हसीं फूल खिलाने लग जाएँ