पहले तो रौशनी हुई ईजाद By Ghazal << बैठा नहीं हूँ साया-ए-दीवा... बना के आईना-ए-तसव्वुर जहा... >> पहले तो रौशनी हुई ईजाद बा'द में तीरगी हुई ईजाद शाम तक आसमान सोना था रात को चाँदनी हुई ईजाद पहले सूरज ने धूप बाँटी फिर पेड़ भी छाँव भी हुई ईजाद रब ने तुझ को बनाया फिर सोचा हाए क्या सादगी हुई ईजाद पहले आई कुएँ पे पिनहारन फिर मिरी प्यास भी हुई ईजाद Share on: