पैमान-ए-वफ़ा-ए-यार हैं हम यानी ना-पाएदार हैं हम ख़ाक-ए-सर-ए-रहगुज़ार हैं हम पामाल-ए-जफ़ा-ए-यार हैं हम नौमीदी ओ यास चार सू है उफ़ किस के उम्मीद-वार हैं हम किस दुश्मन-ए-जाँ की आरज़ू है जो मौत के ख़्वास्त-गार हैं हम तू हम से है बद-गुमाँ सद अफ़्सोस तेरे ही तो जाँ-निसार हैं हम 'वहशत' ख़ामोश जल रहे हैं गोया शम-ए-मज़ार हैं हम