पेड़ अगर ऊँचा मिलता है By Ghazal << तुझे दिल से उतारा ही नहीं... जब शाम हुई मैं ने क़दम घर... >> पेड़ अगर ऊँचा मिलता है मुश्किल से साया मिलता है मेहनत से पैसा मिलता है जैसे को तैसा मिलता है दरिया के रिसते सागर से क़तरा क़तरा जा मिलता है सहरा जंगल सागर पर्बत इन से ही रस्ता मिलता है बैठे बैठे घूमने वाला दुनिया का नक़्शा मिलता है Share on: