फिर मिरे दिल का सुकूँ आप ने बर्बाद किया आप से किस ने कहा था जो मुझे याद किया पा-ब-ज़ंजीर जो तू ने मुझे सय्याद किया मुझ को हर रंज से हर फ़िक्र से आज़ाद किया जान भी जाए तो मैं उफ़ न करूँगा हरगिज़ इस भरोसे ने उसे माइल-ए-बेदाद किया चलिए मैं ही सही पैमाँ-शिकनी का मुजरिम बेवफ़ा मैं हूँ बजा आप ने इरशाद किया इक निगाह-ए-ग़लत-अंदाज़ से देखा तो मुझे एक लम्हे को सही दिल तो मिरा शाद किया भूलने वाले तुझे मेरी मोहब्बत की क़सम अब जो भूले से कभी तू ने मुझे याद किया किस पे इल्ज़ाम धरें दिल की तबाही का 'शमीम' सच तो ये है कि हमीं ने उसे बर्बाद किया