पिला ऐ गिरोह-ए-सुख़नवराँ कोई शेर-ए-तर गुल-ए-ताज़ा रस ये बहार में भी ख़मोशियाँ न सर-ए-जुनूँ न पए हवस ये है मय-कदा जो बढ़ा के हाथ उठा ले जाम उसी का है न यहाँ पे काविश-ए-बेश-ओ-कम न यहाँ पे तोहमत-ए-पेश-ओ-पस शरर-ए-तबीअत-ए-आशिक़ाँ सबब-ए-तजल्ली-ए-गुलसिताँ ये हिना-ए-शौक़ शफ़क़ शफ़क़ ये मय-ए-नशात नफ़स नफ़स है सियाह-पोश नज़र नज़र है नफ़स नफ़स नए नाला-गर वही तीरा-बख़्ती-ए-अहल-ए-दिल वही ज़ुल्मत-ए-शब-ए-तार-ओ-बस तह-ए-तार-ए-किसवत-ए-अन्कबूत ये ताइरान-ए-तरब-नवा सर तख़्त-ए-फ़र्क़-ए-हुमा हुमा ब-सद आफ़ियत है मगस मगस ये कमाँ-कशान-ए-ज़ह-ए-ग़ुरूर फिरें हैं किस की तलाश में वो जो बाग़-ए-जाँ की बहार थे वो बसा चुके हैं क़फ़स क़फ़स ये फ़ज़ा-ए-दश्त शऊर-ए-बाग़-ए-निशात-ओ-ख़ुल्द-ए-सुरूर है न सुख़न की हरज़ह-ख़रोशियाँ न लब-ए-सदा न दम-ए-जरस अभी फूल फूल है जाँ-ब-लब ये तप-ए-बला तपिश ग़ज़ब अभी खुल के अब्र-ए-करम बरस अभी और खुल के बरस बरस कभी इस तरफ़ भी गुज़र करो कभी इस तरफ़ भी नज़र करो मैं फ़क़ीर-ए-गुल-कदा-ए-वफ़ा मिरे बर्ग-ए-साज़ ये ख़ार-ओ-ख़स