रात दिन शाम-ओ-सहर सब एक रंग हादसे ख़ैर-ओ-ख़बर सब एक रंग एक रंग आब-ओ-हवा-ए-ख़ुश्क-ओ-तर बहर-ओ-बर सैर-ओ-सफ़र सब एक रंग हर तरफ़ वीरानियाँ हैं ख़ेमा-ज़न घर खंडर सहरा नगर सब एक रंग जाने कस मौसम नय ये मंज़र दिया ख़ार, गल, बर्ग-ओ-समर सब एक रंग नेक-ओ-बद-किरदार की पहचान क्या जिन परी पथर बशर सब एक रंग