रब्त पैदा हो गया था दश्त दरिया हो गया था वक़्त के इस आइने में अक्स बूढ़ा हो गया था उम्र आधी रह गई थी काम दुगना हो गया था मैं हक़ीक़ी ज़िंदगी में ख़्वाब जैसा हो गया था लोग मिल कर जा रहे थे वक़्त पूरा हो गया था दर्द बाक़ी था बदन में ज़ख़्म अच्छा हो गया था बात पूरी हो चुकी थी ज़ेहन चूरा हो गया था ख़ामुशी बढ़ने लगी थी शोर इतना हो गया था कुछ नहीं था मैं 'सहर' बस दिल-गिरफ़्ता हो गया था